preparation of culture media in hindi /कल्चर मीडिया कैसे बनाते है?

कल्चर मीडिया कैसे बनाते है?  ये सवाल कई बार पूछा जाता है। कल्चर मीडिया का उपयोग सूक्षमजीवो की ग्रोथ के लिए किया जाता है। आजकल बना हुआ कल्चर मीडिया भी आता है, जिसको आप सीधा उपयोग में ला सकते है। लेकिन कुछ Experiments और रिसर्च के लिए जरुरी कल्चर मीडिया को जरुरत के हिसाब से लैब में ही बनाया जाता है।
अगर आप माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में काम करते है या इससे सम्बंधित कुछ भी सीख रहे है, तो आपको कल्चर मीडिया कैसे बनाया जाता है इसके बारे में जानकारी होना बहुत ही जरुरी होता है। आज की इस पोस्ट preparation of culture media in hindi में हम कल्चर मीडिया को बनाने की पूरी प्रोसेस को अच्छे से बताएँगे चलिए आगे बढ़ते है।
 

कल्चर मीडिया क्या है ? what is culture media?

कल्चर मीडिया ,माइक्रोबायोलॉजी में उपयोग होने वाला बहुत ही जरुरी कॉम्पोनेन्ट होता है। Culture media का मतलब होता है, एक ऐसा माध्यम जहाँ पर सूक्ष्मजीव या बैक्टेरिया अपनी संख्या में वृद्धि करते है। जब हम किसी भी clinical specimen को culture media पर लगाते है, तब उसमे उपस्थित बैक्टेरिया या सूक्ष्मजीव उस कल्चर मीडिया में उपस्थित पोषक पदार्थो का उपयोग करके अपनी संख्या में वृध्दि (ग्रोथ) करते है। 

what is culture media
what is culture media 


Culture media में बैक्टेरिया या सूक्ष्मजीवो की growth के लिए सभी जरूरी पदार्थ होते है,जो उसे वृद्धि के लिए आवश्यक होते है। जैसे - nutrition , food, water और PH ये सभी बैक्टीरिया के लिए बहुत जरूरी होते है।
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कल्चर मीडिया में क्या  होता है - Basic Component (Composition) of culture media


Culture media में बैक्टीरिया की जरूरत के हिसाब से सभी चीजे मौजूद होती है, जो उसे growth करने में मदद करती है। कल्चर मीडिया बनाने में कई प्रकार के पोषक पदार्थो का उपयोग किया जाता है। 
कल्चर मीडिया कई प्रकार के होते है। 
लगभग सभी प्रकार के कल्चर मीडिया में कुछ बेसिक तत्व एक सामान ही होते है लेकिन कुछ विशेष तत्व या पदार्थ अलग अलग कल्चर में अलग अलग प्रकार के होते है। एक सामान्य प्रकार के कल्चर मीडिया के Composition में निम्नलिखित प्रकार के तत्व या पदार्थ पाए जाते है :-

Water ( पानी) :- 

Culture media  को बनाने के लिए हम distilled water का  उपयोग करते है क्योंकि इसमें हाइड्रोजन और ऑक्सिजन दोनो होते है और बैक्टीरिया की growth के लिए ये दोनो बहुत उपयोगी पदार्थ होते है। 
कल्चर मीडिया बनाने में (preparation of culture mediaनार्मल वॉटर का उपयोग नहीं किया जाता है क्योकि नार्मल वॉटर में अशुद्धि और मिनरल्स होते है जिससे मीडिया की Composition पर प्रभाव पड़ता है 

Electrolyte (इलेक्ट्रोलाइट) :- 

इसमें से ज्यादातर सोडियम क्लोराइड (NaCl) का मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है जो की बैक्टेरिया की growth के लिए जरूरी होता है। सोडियम, बैक्टीरिया की cells की Isotonicity को maintain करता है। 
सोडियम क्लोराइड का एक साल्ट के रूप में उपयोग किया जाता है जो कल्चर मीडिया में परासरणी दवाब (osmotic pressure) को ठीक करने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। 

Peptone water :- 

पेप्टोन एक प्रकार थोड़ा पचा हुआ प्रोटीन होता है या प्रोटीन के डाइजेशन का मिक्सचर (Animal/vegetable) होता है। कल्चर मीडिया बनाने के लिए Peptone एक nitrogen source की तरह उपयोग होता है। पेप्टोन या (Peptone) पानी में घुलनशील होता है और ये गर्म करने पर थक्का नहीं बनता है। 

Buffers (बफर) :- 

बफर का उपयोग Culture media का PH maintain करने के लिए किया जाता है। विभिन प्रकार के बैक्टीरिया को अलग अलग PH की आवश्यकता होती है। बफर एक वीक एसिड (week acid) और वीक बेस (week base) दोनों की तरह व्यवहार करते है बफर के द्वारा कल्चर मीडिया के PH को कम या ज्यादा किया जा सकता है। इसके साथ ही Buffers (बफर) का उपयोग मीडिया में एसिड या एल्केलाइन के प्रभाव को कम करने के लिए भी किया जाता है।  

P.H. Indicators / P.H.सूचक :-

ये Culture media में बैक्टेरिया द्वारा उत्पन्न किए गए Acid या Alkaline को detection में सहायता करता है। जब कोई बैक्टीरिया या अन्य सूक्ष्मजीव कल्चर मीडिया के पोषक पदार्थो को खा कर किसी प्रकार का एसिड एल्केलाइन बनाते है तो ये P.H. इंडीकेटर्स कल्चर मीडिया में कल्चर उत्पन्न करने लगते है। कल्चर मीडिया बनाने में (preparation of culture media) इन P.H. Indicators का उपयोग करना बहुत आवश्यक होता है।
कुछ P.H.Indicators जो उपयोग में लाए जाते है जैसे - Phenol Red, Bromocersol Purple और Methyl Red आदि।

Solidifying agent / ठोस करने वाले कारक :-  

कल्चर मीडिया को ठोस (solidifying ) बनाने के लिए Agar, gelatin, egg yolks  और serum इत्यादि का उपयोग  किया जाता है। कुछ कल्चर मीडिया लिक्विड या तरल अवस्था में भी उपयोग किये जाते है लेकिन बैक्टीरिया या सूक्ष्मजीवों को संरचना और अन्य लक्षणों का अध्ययन करने लिए सॉलिड कल्चर मीडिया ही उपयोग किया जाता है। 
सामान्यतः सॉलिड कल्चर मीडिया बनाने के लिए 1.5 से 2% तक अगार का उपयोग किया जाता है। सेमी सॉलिड कल्चर मीडिया बनाने के लिए 0.2 से 0.5 % तक अगार का उपयोग किया जाता है जबकि लिक्विड कल्चर मीडिया में किसी भी प्रकार के Solidifying agent का उपयोग नहीं किया जाता है। 

Selective agent / चयनात्मक कारक  :- 

यह special chemical  होते हैं जो कल्चर मीडिया में कुछ बैक्टीरिया की growth को inhibit (रोकने) करने के लिए उपयोग में आते है। selective agents बैक्टीरिया या सूक्ष्मजीव के अनुसार अलग अलग प्रकार के होते है। इनका उपयोग कुछ सेलेक्टिव बैक्टीरिया की ग्रोथ कराने के लिए किया जाता है। 

Additive for enrichment :-  

कुछ बैक्टीरिया कम पोषक पदार्थो का उपयोग करके ग्रोथ कर लेते है और कुछ बैक्टीरिया को ग्रोथ करने के लिए ज्यादा पोषक पदार्थो की जरुरत होती है ज्यादा पोषक पदार्थ उपयोग करने वाले बैक्टीरिया को फासटीडीअस (fastidious ) बैक्टीरिया कहा जाता है। fastidious बैक्टीरिया के लिए special nutrients मिलाते है। जिनके बिना ये ग्रोथ नहीं कर सकते है। जैसे - sheep blood, horse blood, rabbit serum आदि।

Reducing Substance / अपचायक पदार्थ  :- 

कल्चर मीडिया से कुछ substance या elements को कम करने या घटाने के लिए Reducing Substance उपयोग किये जाते है,जैसे - Thioglycollate, कल्चर मीडिया से free Oxygen को  हटाकर  Anaerobic culture medium बनता है। Reducing Substances का उपयोग कुछ स्थितियों में जरुरी वातावरण उपलब्ध कराने के लिए किया जाता है। 

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Citrate / साइट्रेट  :- 

साइट्रेट का उपयोग कल्चर मीडिया बनाने में (preparation of culture media) एक carbon source के रूप में किया जाता है। बैक्टीरिया या अन्य सूक्ष्मजीव Citrate (साइट्रेट) को खा कर इसका कार्बन के रूप में उपयोग करते है। कल्चर मीडिया में इसका उपयोग बैक्टीरिया या सूक्ष्मजीवों की Citrate (साइट्रेट) उपयोग करने की क्षमता का पता लगाने के लिए किया जाता है। 

Chelating Agent / कीलेटिंग एजेंट  :- 

कुछ chelating एजेंट भी मीडिया में उपयोग में लाए जाते है। जैस EDTA, Citratic Acid, Pyrophosphate आदि।बैक्टीरिया या सूक्ष्मजीवों के द्वारा कल्चर मीडिया में कुछ हानिकारक मेटल्स बन जाती है। 
Chelating Agents (कीलेटिंग एजेंट) का उपयोग कल्चर मीडिया में से Toxic metals को हटाने के लिए या उनके प्रभाव को कम करने के लिए किया जाता है। इसलिए कल्चर मीडिया बनाने (preparation of culture media) में Chelating Agents (कीलेटिंग एजेंट) का उपयोग करना भी जरुरी होता है।

Antifoaming agents / एंटीफोमिंग एजेंट  :- 

कल्चर मीडिया में जब बैक्टीरिया पोषक पदार्थो का उपयोग करते है तो कुछ मात्रा में झाग बनते है। एंटी-फोमिंग एजेंट ऐसे कारक होते है जो कल्चर मीडिया में झाग को कम करते है या बनने नहीं देते है। 
इसलिए कल्चर मीडिया बनाने (preparation of culture media) में anti-foaming agents का उपयोग किया जाता है। उदाहरण :- कुछ एलकोहॉल, केस्टर ऑइल, ईथर ग्लाइकोल इत्यादि।
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Basic Requirements Of Culture Media

कल्चर मीडिया में सूक्ष्मजीवों को पोषण देकर उनकी संख्या में वृद्धि कराई जाती है कल्चर मीडिया बनाने में (preparation of culture media) बहुत से कारक और पोषक पदार्थो की आवश्यकता होती है बैक्टीरिया के अनुसार ये पोषक पदार्थ अलग अलग हो सकते है लेकिन कुछ बेसिक तत्वों की जरुरत सभी बैक्टीरिया या सूक्ष्मजीवों को होती है कल्चर मीडिया बनाने के लिए आवश्यक कुछ बेसिक जरूरते निम्नलिखित प्रकार की होती है :-

1 Energy Source (ऊर्जा स्रोत) :-  

Energy Source के रूप में प्रोटीन, कार्बोहाइड्र्ड,का उपयोग किया जाता है। ये सभी बैक्टेरिया को Energy देते है।इसका उपयोग करके सूक्ष्मजीवों या बैक्टीरिया की वृद्धि करके दर या स्पीड बाद जाती है और ये तेजी से ग्रोथ करने लगते है Energy Source (ऊर्जा स्रोत) के बिना कल्चर मीडिया में की वृद्धि या ग्रोथ कराना संभव नहीं होता है सभी प्रकार के कल्चर मीडिया में Energy Source (ऊर्जा स्रोत) किसी न किसी रूप में उपयोग किया जाता है 

2 Carbon Source (कार्बन स्रोत) :-

कल्चर मीडिया में Carbon Source के रूप में glucose,glycerol, और citrate आदि का उपयोग किया जाता है।

3 Nitrogen Source (नाइट्रोजन स्रोत) :-

  कल्चर मीडिया में 2 प्रकार के Nitrogen Source ka उपयोग किया जाता है।
   ( i ) Inorganic source - Ammonium        chloride, Ammonium sulphate, Ammonium nitrate आदि
  (ii) Organic source - Yest extract ,Meat extract , Peptone,Tryptone and Nutrient Broth आदि

4  Minerals and Salts (खनिज और लवण) :-

 कल्चर मीडिया बनाने के लिए Calcium chloride, Mg, phosphate, potassium और sulphur essential minerals होते है।

5 Growth Factor (वृद्धि कारक) :-

 Vitamin,Amino acid ,Fatty Acid, आदि का उपयोग Growth Factor  के रूप में किया जाता है ये सभी बैक्टेरिया के लिए जरूरी होते है। और उनकी वृद्धि करते है।

6  Optimum P.H. (अनुकूलतम P.H.) :-

  बैक्टेरिया के जरूरत के हिसाब से उपयोग किया जाता है। हर एक बैक्टेरिया को अलग ph की जरूरत होती है जो उसकी वृद्धि में मदद कर सके।

7 Oxygen and Co2 (ऑक्सीजन और कार्बन-डाइऑक्साइड) :-

  बैक्टेरिया के जरूरत के हिसाब से उपयोग किया जाता हैं क्योंकि बहुत से बैक्टेरिया ऑक्सिजन की उपस्थिति में वृद्धि करते है  जिनको aerobic बोलते है।और बहुत से ऑक्सिजन की अनुपस्थिति में जिनको anaerobic बोलते है। वैसे ही ज्यादा carbon-dioxide की जरूरत वाले बैक्टेरिया को cephelophelic बोलते है।

कल्चर मीडिया बनाने के लिए बेसिक आवश्यक चीजें :-
  • Conical flask
  • Weight machine
  • Streak mixing 
  • Cotton or Rubber Dot (flask का मुंह बंद करने के लिए)
  • Autoclave 
  • Hot plate
  • Petri dish
  • Media powder
  • Distilled water
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preparation of culture media 

मीडिया बनाने का पुराना तरीका कूकबुक विधि से था। जिसमें हर सामग्री को थोड़ा थोड़ा मिलाकर कल्चर मीडिया बनाया जाता था। जिसमे की काफी ज्यादा समय लगता था। आज कल तैयार मीडिया आसानी से मार्केट  में मिल जाता है। लेकिन अधिकांश  मीडिया का उत्पादन लैब में ही बनाया जाता है।

preparation of culture media
preparation of culture media 

 लैब में Culture media आसानी से बनाया जा सकता है।  लैब में सभी प्रकार का मीडिया बनाया जा सकता है। जैसे  - ब्लड अगार, मैकोंकी अगार, आदि 
Culture media बनाने के लिए निम्लिखित प्रकिया की जाती है:-

  1. सबसे पहले हमें जिस भी प्रकार का मीडिया बनाना होता है उसके लिए जरुरी सभी सामग्री को सही मात्रा में ले लेते है।
  2. इसके लिए कल्चर मीडिया का पाउडर आता है जिसको भी सही मात्रा में तौल कर ले लेते है। 
  3. इसके बाद हम एक कोनिकल फ्लास्क लेते है जिसमे मार्किंग बनी होती है। 
  4. अब इस फ्लास्क में हमे जितना भी मीडिया तैयार करना है उसके अनुसार सही अनुपात में पानी (distil water ) डाला जाता है। 
  5. इसके बाद हम इस distil water में तौल कर लिया गया कल्चर मीडिया का पाउडर मिला देते है।
  6. इसके बाद इस मिश्रण को हॉट एयर ओवन में रख के गर्म किया जाता है। 
  7. कुछ मीडिया को Autoclave किया जाता है और कुछ को  Hot plate पर ही गर्म करके बनाया जाता है। ये उस मीडिया के पाउडर के बॉक्स पर लिखा रहता है की उसके लिए क्या उपयोग किया जाना चाहिए।
  8. गर्म करने बाद इस मीडिया को ठंडा होने देते है और आवश्यकता के हिसाब से इसमें कई अलग अलग तरह के कंपोनेंट्स मिलाये जाते है। 
  9. इस कल्चर के मिश्रण को पूरी तरह से ठंडा होने से पहले कल्चर प्लेट्स या ट्यूब में डाल देते है। 
  10. इसके बाद इस मीडिया को पूरी तरह से ठंडा होने देते है ठंडा होने पर कल्चर मीडिया ठोस या अर्धठोस हो जाता है।   
इस प्रकार से कल्चर मीडिया बन कर तैयार हो जाता है। इसके बाद कल्चर मीडिया का Sterilisation करके फ्रिज में स्टोर कर लिया जाता है। 

Storage of culture Media

मीडिया तैयार करने के बाद अब बारी आती है उसे स्टोर करने की तो हम तैयार मीडिया प्लेट को 2-8℃ पर स्टोर कर सकते है। इसलिए इन्हे हम Refrigerator में रखते है। कल्चर मीडिया को बड़ी सावधानी से स्टोर किया जाता है। culture plates को हमेशा उल्टा रखा जाता है, क्योंकि जब हम गरम Culture media को प्लेट्स में डालते है और हम उसे बंद करके रखते है तो उस culture plate के ऊपरी भाग पर पानी की बूंदे वाष्प के रूप में जमा हो जाती है। 
Storage of culture Media
Storage of culture Media


अगर हम Culture plates को सीधा रखेंगे तो वह पानी की बूंदे मीडिया पर गिर जाएंगी और मीडिया गीला हो जायेगा। इससे contamination हो जायेगा और हमारा कल्चर मीडिया ख़राब हो जायेगा। 
इसी तरह लिक्विड मीडिया को भी फ्रिज में ही रखा जाता है। मीडिया जितना उपयोग होता है, उसके हिसाब से ही कल्चर मीडिया बनाना चाहिए।
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 मीडिया बनाने में क्या क्या सावधानियां रखनी चाहिए

किसी भी लैब में कल्चर मीडिया का उपयोग सूक्षमजीवो की पहचान करके उनसे होने वाली बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है। कल्चर मीडिया बनाते समय बहुत सावधानी रखनी होती है। साथ ही जिस भी सूक्ष्मजीव के लिए मीडिया बनाया जाता है उसके characteristics को ध्यान में रखकर ही इस मीडिया को बनाया जाता है। 
Culture media को बनाते समय कुछ निम्नलिखित सावधानिया रखना बहुत जरुरी होता है:-

  1. जरुरी सामान को उचित मात्रा में तौल कर लेना चाहिए। 
  2. कल्चर मीडिया बनाने में उपयोग होने वाले उपकरण जीवाणुरहित होना चाहिए। 
  3. distilled Water सही होना चाहिए और उसकी सही मात्रा लेनी चाहिए
  4. मीडिया बनाते समय पंखे बंद कर देना चाहिए। 
  5. कल्चर मीडिया को बनाते समय आटोक्लेव के तापमान का ध्यान रखे
  6. कल्चर मीडिया में किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं होना चहिये। 
  7. कल्चर मीडिया को गर्म करते समय सावधानी से handle करना चाहिए। 
  8. कल्चर मीडिया को कल्चर प्लेट्स में उचित मात्रा में डालना चाहिए। 
  9. कल्चर मीडिया में ब्लड या सीरम जैसे पदार्थ को उचित तापमान पर डालना चाहिए। 
  10. मीडिया को बनाने के बाद उसका  sterilisation जरूर करना चाहिए। 


पोस्ट का सारांश 

preparation of culture media in hindi पोस्ट में हमने कल्चर मीडिया को बनाने के बारे में लगभग सारी जानकारी देने की कोशिश की है। इस पोस्ट में हमने कल्चर मीडिया को बनाने के साथ साथ उसको स्टोर करने के बारे में भी जाना है। 
इसके साथ ही हमने कल्चर मीडिया को बनाते समय रखे जाने वाली सावधानियों के बारे में भी बताया है। उम्मीद करता हूँ, ये पोस्ट आपके काम आयी होगी। अगर इससे जुड़े आपके कोई भी प्रश्न है तो हमें कमेंट करके या ईमेल के द्वारा जरूर बताये धन्यवाद। 

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Jeetendra Royal

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